Thoughts for today :-
( आज का बिंदास भारत - एक विचार )
न जाने कभी - कभी कुछ अटपटे से ख्वाब मन में आ जाया करते है ,
कभी कभी यूँ ही कुछ ब्लोग्स के पन्नो को देखता हूँ , तो मुस्कराहट सी पैदा हो जाती है .
आज बस यूँ पढ़ते पढ़ते मैंने पढ़ा :-
ज़रा आप भी तो पढ़िए जनाब ....
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साल : २०१० . 1 क्लास का बचा अपनी मिस से कहता है .
मैं आप को
कैसा लगता हूँ ?
मिस : सो स्वीट !
बच्चा : तो फिर मई अपने मम्मी पापा को आप के घर कब भेजूं .
मिस : वो क्यों ?
बच्चा : ता 'के वो
हमारी बात आगे चलायें ,
मिस : ये क्या बकवास है !
बच्चा :.टियुशन
पढ़ने क लिए ..
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ऊपर के प्रसंग को पढने के बाद आपको भी ये काफी रोमांचक लगा होगा , ये मुझे बिलकुल ही उम्मीद है पर दोस्तों , ये पढ़ते पढ़ते आपको ये नहीं लगा की ये प्रसंग कुछ कहना चाह रहा है ,
यूँ ही नहीं इन प्रसंगों का जिक्र किया जाता है
.
कृपया सोचिये और ये बताईये की आज के परिवेश में ये प्रसंग कहाँ तक सार्थक है , और ऐसा क्यूँ लिखा गया है ???
- अमित गुंजन, दुर्गापुर
amit gunjan, durgapur.
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